saho me sah satish sah
Sunday, 29 October 2017
बहुत पछताये उसके दरवाजे पर दस्तक दे कर हम, कितना अजीब सा लगा जब उसने पूछा कौन हो तुम !!
बहुत पछताये उसके दरवाजे पर दस्तक दे कर हम,
कितना अजीब सा लगा जब उसने पूछा कौन हो तुम !!
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